राज्य पुलिस सेवा के 11 अधिकारियों को अब आईपीएस बनने का जल्द मौका मिलेगा। पुलिस मुख्यालय ने प्रस्ताव बनाकर गृह विभाग को भेज दिया है। जबकि गृह विभाग इस प्रस्ताव को फाइनल करके सेंट्रल गवर्नमेंट को भेजेगा। बता दें कि कोरोना के चलते यह प्रक्रिया धीमी थी, लेकिन अब इस प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि राज्य पुलिस सेवा के 11 अधिकारी सितंबर-अक्टूबर में आईपीएस बन सकेंगे।
बता दें कि इन 11 अधिकारियों को आईपीएस आवंटित करने की प्रक्रिया मार्च में ही पूरी हो जानी थी, लेकिन कोरोना की वजह से देरी हुई। अब मध्य प्रदेश के गृह विभाग द्वारा आईपीएस के एक पद के लिए तीन अधिकारियों के नाम केंद्रीय गृह मंत्रालय हो भेजे जा रहे हैं। डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी की बैठक संघ लोकसेवा आयोग सितंबर या अक्टूबर में कर सकता है। गृह विभाग पुलिस मुख्यालय से प्राप्त प्रस्ताव का परीक्षण कर उसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का अनुमोदन लेकर केंद्र सरकार को भेजेगा। विभागीय जांच वाले अधिकारियों को इस लिस्ट में शामिल नहीं किया जाएगा।
बहरहाल, पांच साल की गोपनीय चरित्रावली और अन्य रिपोर्ट के आधार पर प्रकाश चंद्र परिहार, निश्चल झारिया, रसना ठाकुर, संतोष कोरी, जगदीश डाबर, मनोहर सिंह मंडलोई, रामजी श्रीवास्तव, जितेन्द्र सिंह पवार, सुनील तिवारी, संजीव कुमार सिन्हा और संजीव कुमार कंचन को प्रमुखता से मौका मिल सकता है। जबकि इस बार भी विभागीय जांच की वजह से अनिल कुमार मिश्रा और देवेंद्र कुमार सिरोलिया को मौका नहीं मिलेगा। बता दें कि पुलिस अफसरों के नाम मार्च में भेजे जाने थे, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से प्रोसेस पूरा नहीं हो सका था।