बिलासपुर। अस्थमा, हार्ट अटैक और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाने के लिए अब अर्जुन तैयार है, अपने छाल के साथ, जिसमें इन सभी बीमारियों से बचाव के सभी गुण हैं।
कोरोना ने बाजार में ऐसी औषधियों की महत्ता फिर से बढ़ा दी है, जिन पर सदियों से भरोसा किया जाता रहा है। यह अलग बात है कि इसके पहले तक एलोपैथी दवाएं ज्यादा भरोसेमंद मानी जा रही थी, लेकिन काढ़ा ने सुस्त औषधि बाजार को चुस्त कर दिया। जिन औषधि या वनोपज की मांग ने उफान लिया, उनमें एक नाम अर्जुन का भी है। जिसकी छाल इन दिनों खूब मांग में बनी हुई है। अब तो वन औषधि उत्पादन इकाइयों ने इसकी छाल से बना पाउडर भी बाजार में उतार दिया है, जिसे हाथों-हाथ लिया जा रहा है।
~ इसलिए अर्जुन की छाल
गिलोय के बाद अर्जुन की छाल दूसरी ऐसी वनौषधि है, जिसमें हर बीमारी के संक्रमण से बचाव के गुण हैं। कोरोना महामारी के दौर में खांसी को भी संक्रमण का लक्षण माना जा रहा है। अर्जुन की छाल, खांसी की इस आशंका को ही खत्म करने की ताकत रखता है। इसके अलावा ,यह सर्दी और जुकाम को भी खत्म करने में सहायक माना गया है।
~ इनको रखता है नियंत्रण में
अस्थमा और हार्ट अटैक, ये ऐसी दो बीमारियां हैं, जो वर्तमान दौर में लगभग किसी न किसी रूप में मौजूद हैं। अर्जुन की छाल का पाउडर बनाकर, दूध या पानी के साथ सेवन से इसे पूरी तरह नियंत्रण में रखा जा सकता है। साथ ही कैंसर के बढ़ते कदम को मजबूती के साथ रोकने में सफल माना गया है। वजन को तो कम रखता ही है, साथ ही सर्दी-खांसी जैसी संक्रामक बीमारी को भी कम करता है।
~ यह मेडिशनल प्रॉपर्टीज
अर्जुन की छाल में इलेजिक एसिड, मोनो कार्बाक्सिंलिक एसिड और बीटा सिटोस्टिरोल जैसे औषधीय तत्व होते हैं। इसकी वजह से ही इसे गंभीर रोग से बचाव में सहायक माना गया है। छाल को पानी में डालकर उबालें। छानकर इसी गर्म पानी का सेवन करें। इसके अलावा इसे पाउडर का रूप देकर भी पानी या दूध के साथ पिया जा सकता है।
“महत्वपूर्ण मेडिशनल प्रॉपर्टीज की वजह से इसे हृदय रोग, सर्दी, खांसी और मोटापा दूर करने में मददगार माना गया है लेकिन सेवन के पहले चिकित्सकीय परामर्श का लिया जाना आवश्यक होगा”।
- डॉ अजीत विलियम्स, साइंटिस्ट फॉरेस्ट्री ,टी सी बी कॉलेज ऑफ एग्री एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर