शासकीय कार्यो में उदासीनता के चलते मुख्यालय पटवारी प्रशान्त शर्मा निलंबित!

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    ~ पूर्व तहसीलदार अमित सिन्हा के रहते लंबे समय तक फौती,नामान्तरण, प्रमाणीकरण सहित मुख्यालय के कोई भी काम नही होने का लगा आरोप
    ~ पूरे कार्यकाल विवादों में रहे तहसीलदार अमित सिन्हा के कार्यकाल में हुए बड़े गड़बड़झाले बावजूद पदोन्नति दी गई
    ~ निलंबित पटवारी पूर्व कलेक्टर की रहे पसंद जिसके चलते सभी काम को पूर्व तहसीलदार अमित सिन्हा द्वारा
    रोकने उदासीनता का लगाया आरोप
    ~ पूर्व तहसीलदार अमित सिन्हा के काम की भी हो विभागीय जांच
    ~ पूर्व तहसीलदार अमित सिन्हा के पदोन्नति को दी जा रही है हाई कोर्ट में चुनौती

    मुंगेली। लंबे समय से मुंगेली जिले के मुख्यालय पटवारी के लिए दो लोगो के बीच चल रही नूराकुश्ती का पटाक्षेप हुआ और अन्ततः शासकीय कार्यो में उदासीनता के चलते मुख्यालय पटवारी प्रशान्त शर्मा को एसडीएम नवीन भगत जी ने निलंबित कर दिया। हालांकि निलंबन के बाद पटवारी प्रशान्त शर्मा द्वारा पूरे कार्यवाही के लिए पूर्व पदस्थ रहे तहसीलदार अमित सिन्हा की साजिश बताई जा रही है। जिसका पर्दा भी शीघ्र ही उठाया जाएगा।

    बता दें अमित सिंहा जो कि वर्तमान में कोरिया जिले में डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदोन्नति ट्रांसफर में चले गए है। जिनके पदोन्नति एवं कार्यप्रणाली को चुनौती के लिए पत्रकार मनीष शर्मा सहित कुछ लोग अगले सप्ताह जनहित में याचिका हाई कोर्ट में लगा रहे है। बताया जा रहा है कि पटवारी प्रशान्त शर्मा पूर्व कलेक्टर की पसंद से मुख्यालय पटवारी बने और इस आदेश के लिए लंबे समय तक व्यवस्था अनुसार तहसीलदार, एक पूर्व में पदस्थ एसडीएम को ऑर्डर के लिए कहा जाता मगर नए पटवारी जो कि स्वयं कलेक्टर की पसंद हो उनके लिए आर्डर न कर पटवारी प्रशांत के लिए तालाब की कमजोर मछली जैसे प्रयास किए जाने लगे।
    मुख्यालय के लिए पटवारी का मामला 18 जून जब पूर्व तहसीलदार जिस दिन मुंगेली से ऑफिसियल बाहर हो रहे थे उसी दिन से कलेक्टर के आदेश से मुख्यालय पटवारी नियुक्त प्रशान्त शर्मा के लिए बाहर कर किसी और पटवारी के लिए रणनीति बनाई गई मगर उस दिन सभी जिन लोगो द्वारा साजिश की गई,उनके मंसूबो पर पानी फिर गया बाद में हर दिन नई नई साजिश के तहत पटवारी प्रशान्त के लिर हथकंडे अपनाए गए। यहाँ तक एक अन्य जिले में पदस्थ हो चुके अधिकारी द्वारा अपना मुख्यालय न जा पटवारी प्रशान्त को ठिकाने लगाने बिलासपुर, रायपुर, धमतरी, दुर्ग जिले में मिन्नते की जाती रही। बावजूद राजधानी के मुख्य दरबार से मुख्यालय पटवारी के लिए प्रशान्त शर्मा के लिए ही हरी झंडी के फरमान के बाद 27 तारीख को आनन फानन में आदेश भी जारी हुआ मगर बाहर पदस्थ अधिकारी के तन बदन में सांप लोटने लगा फिर अचानक भयानक निलंबन की गाज विभागीय कारणों से गिरी। आखिरकार एक पटवारी के लिए बाहर हो चुके अधिकारी का इस ढंग से अड़ियल रुख अपनाने का क्या कारण होगा यह भी जांच का विषय है।

    बहरहाल अब मुख्यालय पटवारी प्रशान्त शर्मा फिलहाल विभागीय तमाम कारणों से संवैधानिक रूप से निलंबित कर दिए गए । प्रशांत शर्मा, पटवारी, प.ह.नं. 29/59 तहसील मुंगेली द्वारा सौंपे गये शासकीय
    कार्यों नामान्तरण हेतु प्राप्त ऑनलाइन आवेदनों का निराकरण, ऑनलाइन आधार/मोबाइल नंबर/ किसान किताब/ लिंग प्रविष्टि, नक्शा बटांकन, डिजिटल हस्ताक्षर अभिलेख शुद्धता में उदासीनता बरती जाकर लापरवाही की गई है। उपरोक्तानुसार कार्यों की समीक्षा शासन स्तर पर की जा रही है, परन्तु श्री शर्मा द्वारा उक्त कार्यो में कोई रूचि नहीं ली जा रही है एवं उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रगति संतोषजनक नहीं है। श्री शर्मा, पटवारी का उपरोक्त कृत्य शासकीय कार्यों के प्रति उनकी उदासीनता/लापरवाही का परिचायक है। अतः छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के प्रावधानों के तहत प्रशांत शर्मा पटवारी, प.ह.नं. 29/59 को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। प्रशांत शर्मा, पटवारी तहसील मुंगेली को निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन
    निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।निलंबन अवधि में श्री शर्मा, पटवारी का मुख्यालय कार्यालय तहसीलदार मुंगेली रखा गया है।

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