नंदकुमार साय के कांग्रेस प्रवेश के बाद बदलते समीकरण और बौखलाहट…..मंत्री अमरजीत भगत ने क्या कहा जानें

रायपुर(मनीष शर्मा/8085657778)। छत्तीसगढ़ ही नही अपितु राष्ट्रीय स्तर पर ईमानदारी एवं कर्मठता की चार दशकों से अधिक पहचान बना सक्रिय राजनीति में रहने वाले आदिवासी नेता नंदकुमार से ने अचानक मगर बिना किसी मान,मनुहार को सुने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मौजूदगी में कांग्रेस प्रवेश कर लिया। कांग्रेस प्रवेश के दिनभर भर वे प्रदेश कांग्रेस दफ्तर अथवा सीएम भूपेश बघेल के साथ एक्टिव मोड में देखे गए। इसी समय भाजपा के नेता जोइनिंग के पिछली रात से साय से संपर्क साधने की कोशिश करते रहे मगर नंदकुमार साय ने अपना फ़ैसला आमजनमानस को कांग्रेस एंटर कर बता दिया इसके बाद अचानक भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के व्यक्तव्य भी बदले सुर में नजर आए। हालांकि कद्दावर आदिवासी नेता जो किसी समय छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद सीधे विपक्ष नेता के रूप में प्रथम मुख्यमंत्री अजीत प्रमोद कुमार जोगी के आमने सामने मुखरता से डटे रहे वैसी सख्सियत का स्वयं कांग्रेस में आ जाना निश्चित तौर पर कांग्रेस के लिए आगामी विधानसभा व लोकसभा दोनों ही महत्वपूर्ण व फायदेमंद होगा मगर इन्ही के बीच के मंत्री अमरजीत भगत के बयान से उन्होंने यह बताने की कोशिश की जैसे नंदकुमार साय का ना जनाधार है और ना ही कोई प्रभाव रहना है। भले ही यह व्यक्तव्य मंत्री भगत ने अपने भावी नकारात्मक परिणाम के कारण कहा हो।

बता दे खाद्य मंत्री अमरजीत भगत पिछले 6 माह के भीतर अपने ही निर्वाचन क्षेत्रों में आमजनमानस के तीखे विरोध को भी अपने व्यक्तिगत निर्णय अथवा किसी कारपोरेट सेक्टर में सहभागी होने के अंदेशों में झेला,नौबत तो यहां तक आ गई कि उन्हें कुछ समय अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में उल्टे पैर लौटना भी पड़ा है। उन सबके मद्देनजर भी मंत्री अमरजीत भगत की भविष्य के संभावित दुष्परिणाम को समझ साय के कोई प्रभाव न होने जैसे बयान को देखा जा सकता है। वर्तमान समय मे मंत्री अमरजीत भगत के विधानसभा क्षेत्र में उनके लगातार विरोध से आगामी विधानसभा चुनावों में टिकट से लेकर जीत हार के लिए भी गुणा भाग मंत्री अमरजीत के फेवर में नजर नही आ रहा है।

ऐसे में अब कद्दावर नेता के कांग्रेस प्रवेश के बाद कांग्रेस संगठन व हाइ कमान की आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में टिकट वितरण व अन्य चुनावी समीकरण में नंदकुमार साय की पूछपरख से निर्णय कर कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने के प्रयास को भी इंकार नही किया जा सकता है। तब कांग्रेस के एक व्यक्ति विशेष समर्थन में रहने वाले लीडरों के लिए संगठन और अपने विधानसभा क्षेत्र दोनों जी जगह मुश्किल भरा होगा। बहरहाल माना यह जा रहा है कि आदिवासी नेता नंदकुमार साय को दो दर्जन से अधिक विधानसभा क्षेत्रों के टिकट वितरण, चुनाव संचालन व अन्य सभी रणनीति तैयार करने में खासी तरजीह दी जावेगी। ऐसे में स्वयं नंदकुमार साय को भविष्य में या तो स्वयं किंग किंग मेकर के रूप में माना जा सकता है।

नंदकुमार साय के कांग्रेस में आने से ज़्यादा फर्क़ नहीं पड़ेगा- मंत्री अमरजीत भगत

नंद कुमार साय के कांग्रेस में शामिल होने के बाद से बीजेपी नेताओं में काफी सन्नाटा है। वहीं सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी नंद कुमार साय को लेकर इतना उत्साहित हैं कि सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों में उनका स्वागत करते नहीं थक रही है। साय जैसे क़द्दावर आदिवासी नेता का कांग्रेस में शामिल होने के बाद प्रदेश के सीएम से लेकर मंत्री तक शायराना अंदाज में उनका स्वागत कर रहे हैं। लेकिन प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के एक बयान ने उनके कांग्रेस में आने के उत्साह को थोड़ा फीका कर दिया है।

नंद कुमार साय के बीजेपी छोड़ने के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में खलबली मचा गई है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब बीजेपी आदिवासी इलाक़ों में डी-लिस्टिंग और धर्मांतरण जैसे मुद्दे पर 2023 की जंग जीतना चाह रही है तो आदिवासी नेता साय का कांग्रेस में आना बीजेपी के लिए बहुत नुकसान भरा हो सकता है। ऐसे में प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का कहना है कि उनके आने से स्थिति अमूमन वैसी ही रहेगी जैसी अभी है। खाद्य मंत्री ने कहा कि उनके आने से पहले 2018 में भी कांग्रेस की लीड कम नहीं थी। इधर एक सवाल का जवाब देते हुए खाद्य मंत्री ने ये भी स्वीकार किया कि प्रदेश में सरकार के खिलाफ एंटी इनकमवेंसी है जो श्री साय के आने के बाद बस उसको भरा जा सकेगा।

अमरजीत भगत का शायराना अंदाज

नंद कुमार साय का बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आने के सवाल पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने शायराना अंदाज में जवाब दिया. उन्होंने कहा, “हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की। जय नंदकुमार साय की” इसके बाद श्री भगत ने ये भी कहा कि नंद कुमार साय जी ने एकदम सही कदम उठाया है। ये कदम उठाकर उन्होंने अपना मान सम्मान बचाया है. कांग्रेस उनको सम्मान देगी और वो यहाँ पर अच्छा फील करेंगे। दरअसल कांग्रेस में फ़िलहाल खाद्य मंत्री अमरजीत भगत बड़े आदिवासी नेता के रूप में उभर कर आए हैं। उनके सामने अभी प्रदेश में ना कोई सीएम का ख़ास है। और ना ही कोई बड़ा आदिवासी नेता उनसे आगे निकल सका है। ऐसे में नंद कुमार साय की कांग्रेस में इंट्री को लेकर उनके बयान के मायने काफ़ी अहम है। क्योंकि उन्होंने इशारों इशारों में कह दिया साय के आने के पहले 2018 में कम लीड नहीं थी। और उनके आने के बाद अमूमन वही स्थिति रहेगी।

सीएम ने ट्विट कर गीत के माध्यम से किया स्वागत

सीएम भूपेश बघेल ने सोमवार को रायपुर स्थित कांग्रेस कार्यालय में नंद कुमार साय को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई. इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम समेत कई विधायक और कांग्रेस संगठन से जुड़े लोग वहाँ मौजूद थे। जिसके बाद सीएम ने नंद क़ुमार साय के कांग्रेस प्रवेश पर एक ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा की “जुड़ा हाथ से हाथ मिला आपका साथ, भरोसे के साथ जारी है आदिवासी के हित की बात” स्वागत एंव अभिनंदन नंद कुमार साय जी।

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