Home छत्तीसगढ़ प्रकृति के बीच नाचना-गाना ही सरहुल पर्व- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

प्रकृति के बीच नाचना-गाना ही सरहुल पर्व- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

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अंबिकापुर। मूली पड़हा अंबिकापुर के तत्वावधान में उरांव समाज द्वारा आयोजित सरहुल पर्व में शामिल होने सीएम भूपेश बघेल शहर पहुंचे। वे पीजी कॉलेज मैदान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान आदिवासी समाज के लोगों द्वारा पारंपरिक नृत्य, गीत व साफा-पगड़ी पहनाकर उनका स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान सीएम ने समाज के लोगों को सरहुल पर्व की बधाई दी। इस दौरान उन्होंने विभिन्न समाज व संगठन के लोगों से मुलाकात भी की।

पीजी कॉलेज मैदान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम बघेल ने कहा कि आदिवासियों के जितने भी त्यौहार हैं, सब प्रकृति से जुड़े हैं। जीवन में जितने भी उताव-चढ़ाव आते हैं, त्यौहार आते ही भूल जाते हैं। प्रकृति पर नाचना-गाना ही सरहुल है। परंपरा को बचाए रखने व संरक्षण के लिए हमारी सरकार काम कर रही है।
जल, जंगल बचाने का भी प्रयास किया जा रहा है। 21 मार्च को प्रकृति को बचाने वृक्ष लगाने की योजना लाई गई है। इसमें 36 हजार हेक्टेयर में पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। जो लोग पौधे लगाएंगे, सरकार उन्हें सब्सिडी भी देगी।

सीएम ने कहा कि वर्ष 2017 में किसान जितना भी धान बेचते थे, हमारी सरकार आने के बाद दोगुना बिक्री कर रहे हैं। पिछले चार वर्ष में रकबा बढ़ा है। बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता भी सरकार दे रही है। गरीबी रेखा की सीमाएं हटा दी गई हैं।

पीएम आवास के लिए बीजेपी जो धरना दे रही है, उसके लिए मैंने पीएम को कई बार पत्र लिखा, लेकिन कोई पहल नहीं की गई है। 1 अप्रैल से छग सरकार हितग्राहियों की आर्थिक जनगणना कर पात्र हितग्राहियों को उनका मकान मुहैया कराने का काम किया जाएगा। कार्यक्रम में मंत्री, विधायक समेत काफी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी, कार्यकर्ता व आदिवासी समाज के लोग मौजूद रहे।

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