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बालको में लैंगिक संवेदीकरण पर कार्यशाला का आयोजन

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बालकोनगर। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने अपने ट्रांसजेंडर कर्मचारियों को सम्मान देकर ट्रांसजेंडर डे ऑफ विजिबिलिटी मनाया। कंपनी ने बालको लर्निंग सेंटर (बीएलसी) में ट्रांसजेंडर नागरिकों की पृष्ठभूमि, समुदाय की सामाजिक स्थिति, मनोवैज्ञानिक समस्याएं एवं समाधान विषय पर दो दिवसीय लैंगिक संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया जो संबंधित विभागों और कार्यक्षेत्र में लैंगिक संवेदनशीलता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया। कार्यशाला का नेतृत्व छत्तीसगढ़ तृतीय लिंग कल्याण बोर्ड सदस्य एवं छत्तीसगढ़ मितवा संकल्प समिति की अध्यक्ष विद्या राजपूत, सचिव रवीना बरिहा और पोपी देवनाथ ने किया।

बालको छत्तीसगढ़ के पहले उद्योगों में से एक है और देश की उन चुनिंदा मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में शामिल है जो ट्रांसजेंडर नागरिकों को रोजगार के अवसर दिए हैं। अब तक कंपनी ने अपनी कार्यस्थल में 15 ट्रांसजेंडर कर्मचारियों की भर्ती की है। कंपनी समान अवसर प्रदान करने और सभी कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित और समावेशी कार्यस्थल बनाने में विश्वास करती है। ट्रांसजेंडर डे ऑफ विजिबिलिटी पर उन्हें अपने विचार साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया था कि कैसे कंपनी ट्रांसजेंडर समुदाय की एक बड़ी सहयोगी हो सकती है। ट्रांसजेंडर कर्मचारियों को अपने विचार, दृष्टि और बालको के साथ अपने भविष्य को बदलते हुए देखने के तरीके को व्यक्त करने के लिए एक मंच दिया गया। सुरक्षा और शॉपफ्लोर ऑपरेशन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल वे लगभग एक साल से कंपनी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं।

बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक राजेश कुमार ने कहा कि बालको अपने कार्यस्थल में विविधता लाने के लिए प्रतिबद्ध है तथा इस परिवर्तन प्रक्रिया को तेज करने और मजबूत करने के लिए प्रयास करता है। कंपनी का यह पहलए समाज में सामाजिक परिवर्तन लाने और सभी के लिए समानता, गैर-भेदभाव और समान अवसरों का वातावरण बनाने की दिशा में एक कदम है। बालको राष्ट्र निर्माण में अपने कर्मचारियों के उच्च प्रतिभा का भरपूर उपयोग कर रहा है। प्रतिभा लैंगिक पूर्वाग्रहों से मुक्त होती है। कोई भी व्यक्ति जन्मजात प्रतिभाशाली नहीं होता बल्कि उसे तैयार करना पड़ता है। यह उचित समय है कि समाज के समग्र विकास के लिए ट्रांसजेंडरों के सशक्तिकरण की दिशा में काम करें।

अपने अनुभव को साझा करते हुए बालको की सुरक्षा विभाग में कार्यरत ट्रांसजेंडर मधु मानिकपुरी ने कहा कि मैं बालको के कार्यबल का हिस्सा बनने के लिए आभारी हूं। मैं बालको के समावेशी और लैंगिक समानतापूर्ण कार्य संस्कृति का हिस्सा बनकर खुश हूं। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा आयोजित लैंगिक संवेदीकरण कार्यशाला से कार्यस्थल में मुझे अधिक सहज और समर्थित महसूस करने में मदद मिली। मुझे बालको की सुरक्षा टीम का सदस्य होने पर गर्व है और कंपनी की सफलता में योगदान देने के लिए तत्पर हूं।

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