चार दिवसीय ‘शॉर्ट फ़िल्म फेस्टिवल समारोह 2021- शूट फ़ॉर लीगल अवरनेस’ का हुआ समापन

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    शॉर्ट फिल्मों के माध्यम से जागरूकता का प्रसार किया गया

    रायपुर। राजधानी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटॉरीयम में चार दिवसीय शॉर्ट फ़िल्म फेस्टिवल समारोह 2021- शूट फ़ॉर लीगल अवरनेस आज समापन हो गया। इस फ़िल्म फेस्टिवल का आयोजन राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर एवं जीपीआरएसएस रायपुर के तकनीकी सहयोग से किया गया था। यह आयोजन आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत हुआ था। इसमें मानव तस्करी, बच्चों के अधिकार, नशा मुक्ति एवं साइबर क्राइम पर इन चार विषय पर आधारित फ़िल्मों का प्रदर्शन किया गया था। छत्तीसगढ़ी शॉर्ट फ़िल्म की श्रेणी में एक्सीजेन्सी को सर्वश्रेष्ठ छत्तीसगढ़ी फिल्म का पुरस्कार प्रदान किया गया। इसी श्रेणी में निम्मो को दूसरा पुरस्कार प्रदान किया गया। इसी प्रकार हिंदी,अंग्रेज़ी व अन्य भाषाओं की शॉर्ट फ़िल्म की श्रेणी में नोनी को सर्वश्रेष्ठ शॉर्ट फिल्म का पुरस्कार मिला तथा बबली और शोध को संयुक्त रूप से दूसरा पुरस्कार प्रदान किया गया। उपरोक्त श्रेणियों में प्रथम पुरस्कार के रूप में एक लाख रूपए और द्वितीय पुरस्कार के रूप में 51 हज़ार रूपए प्रदान किये गए। सुपर शॉर्ट फ़िल्म की श्रेणी में कोटपा को सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का और डरो मत को दूसरे श्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार प्रदान किया गया तथा फिल्म थोड़ा सा तीसरे स्थान पर रही।


    जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी मुख्य न्यायाधिपति छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संरक्षक इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। जस्टिस गौतम भादुड़ी न्यायाधिपति छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जस्टिस संजय एस. अग्रवाल न्यायाधिपति छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति द्वारा कार्यक्रम को सम्बोधित किया गया तथा अन्य माननीय न्यायाधिपतिगण महोदय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
    इस फ़िल्म फेस्टिवल के मूल उद्देश्य को पूरा करने हेतु इन चार दिनो में सभी शॉर्ट एवं सुपर शॉर्ट फ़िल्मों का लगातार प्रदर्शन किया गया, जिससे ज़्यादा से ज्यादा लोगों तक क़ानूनी की जानकारी पहचाई जा सके।फ़िल्मों के प्रदर्शन के मध्य सरकार के विभिन्न विभागों से उपस्थित अतिथियों द्वारा अलग- अलग विषयों पर जानकारी देकर उन्हें सरकारी योजनाओं से अवगत कराया। जिला न्यायालय रायपुर के न्यायाधीशगण द्वारा “नालसा” की योजनाओं पर प्रस्तुतियाँ देकर कानून की जानकारी को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचाई गई। छत्तीसगढ़ राज्य के स्कूलों एवं लॉ कालेजों छात्र-छात्राओं तथा कलाकारों द्वारा नृत्य, गाने एवं फ्लैश मॉब की प्रस्तुत किया गया। हज़ारों की संख्या में लोगों ने उपस्थित होकर इस आयोजन को बेहद सफल बनाया।

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